इलाही ऐसी इनायत होगी
एक शाम होगी मलंग सी
हम एक दूजे संग मनाएंगे
दुनिया की रहबरी से दूर
हम शमा बेफ़िक्री की जलाएंगे
वफ़ा हमसे वाबस्ता होगी
हम जफ़ा फ़ना कर जाएंगे
एक रात हमारा रास्ता होगी
हम आरिश तक आज़माएंगे
यारा कभी हम काफ़िर होंगे
दुआ होगी इकट्ठे हों
अगर कभी मुसाफ़िर होंगे
तो दुआ होगी कि भटके हों
कोई फितरत हमारी हमसे पूछे
तो जवाब ज़रा हटके हो
हर महफ़िल हमारी राहें देखे
हम जश्न बाज़ी में अटके हों
इलाही ऐसी इनायत होगी
कब हम याराना मनाएंगे
यारी की लपटों से हम
खुद्दारी राख कर जाएंगे
© Harf Shaad
#friendship #friends #yaari #yaar #WritecoQuote #Shayari #Hindi
हम एक दूजे संग मनाएंगे
दुनिया की रहबरी से दूर
हम शमा बेफ़िक्री की जलाएंगे
वफ़ा हमसे वाबस्ता होगी
हम जफ़ा फ़ना कर जाएंगे
एक रात हमारा रास्ता होगी
हम आरिश तक आज़माएंगे
यारा कभी हम काफ़िर होंगे
दुआ होगी इकट्ठे हों
अगर कभी मुसाफ़िर होंगे
तो दुआ होगी कि भटके हों
कोई फितरत हमारी हमसे पूछे
तो जवाब ज़रा हटके हो
हर महफ़िल हमारी राहें देखे
हम जश्न बाज़ी में अटके हों
इलाही ऐसी इनायत होगी
कब हम याराना मनाएंगे
यारी की लपटों से हम
खुद्दारी राख कर जाएंगे
© Harf Shaad
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