...

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चोट
वो घाव भी, वो चोट भी, वो जला भी और वो कटा भी,
सब महफूज रखा है उसने अपने जिस्म पर या शायद सीने में दबा कर,
कसूरवार नहीं है कोई और ना ही वो शिकायते करना ही जानती है।

सब्जियों को काटते वक्त उस मासूम सी...