...

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इंसानियत खतरे में है
उसका उससे मुठभेड़ हो गया था ।
उसका आपा खो गया था।
उसने उसे कैद कर दिया।
झगड़ा बढ़ गया था।
उसने उसका गला दबा दिया।
वह तड़प रहा था, बिलख रहा था,
जैसे मानो भीख मांग रहा था,
उस पर रहाम खाने के लिए ।
इंसान ने उसका एक भी नहीं सुना,
उसने अपने हाथों से अपनी सृष्टि का गला घोट दिया।
'उस इंसान’ ने बड़ी बेरहमी 'उस इंसानियत' का गला घोटकर हत्या कर दिया।
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