...

39 views

सुकून...
जो मन चहकता था कभी,लोगों से मिल कर,

आज अकेले में सुकून पाता है ।

जो सुकून मिलता था कभी हँसकर,

आज वो रोकर आता है।

इसे ही वक्त का खेल कहते हैं,

वक्त बदलते ही ,इंसान बदल जाता है।

जब बदलता है इंसान,तो रिश्ता बदल जाता है।

तुम भागते ही रह जाते और वक्त निकल जाता है।

इस भाग‌‌-दौ‌‌ड़ की दुनिया में,

सुकून ऐसे ही खत्म हो जाता है।

रखो कुछ पल सम्भाल कर,

ये वक्त बदलने पर काम आता है।

जब रहेगा कुछ भी ना पास,

ये पल ही सुकून दे जाता है।



#writcopoemchallenge#poetry#life#write @Rolly9408