एक टुकड़ा..
सालो से कुछ तो अटका है,
शायद टूटे दिल का एक टुकड़ा है।
न कुछ बोलता है, न किसी की सुनता है,
पर अंदर ही अंदर बहुत चुबता है।
अपनो की मरहम से...
शायद टूटे दिल का एक टुकड़ा है।
न कुछ बोलता है, न किसी की सुनता है,
पर अंदर ही अंदर बहुत चुबता है।
अपनो की मरहम से...