तारीफ़
मेरे किसी चाहने वाले ने कुछ लफ्ज़,
प्यार के मुझ से कहें;
कि बेहया, बेगेरत, बदजुबाँ तु,
तेरी सूरत कालीं, सीरत उससे भी मैली,
जिस घर जायेगी, उस घर को तोड़ देगी,
बसे बसाये घर को उजाड़ देगी।
खिलें हुए चेहरों की मुस्कुराहट छीन लेगी,
और जो बाग में खिलें हैं फूल उनके,
उन्हें अपनी कालीं परछाईं से मार देगी
तेरी हसरत ऐसी जो घर की बर्बादी कर दे,
अच्छे...
प्यार के मुझ से कहें;
कि बेहया, बेगेरत, बदजुबाँ तु,
तेरी सूरत कालीं, सीरत उससे भी मैली,
जिस घर जायेगी, उस घर को तोड़ देगी,
बसे बसाये घर को उजाड़ देगी।
खिलें हुए चेहरों की मुस्कुराहट छीन लेगी,
और जो बाग में खिलें हैं फूल उनके,
उन्हें अपनी कालीं परछाईं से मार देगी
तेरी हसरत ऐसी जो घर की बर्बादी कर दे,
अच्छे...