क्या ले कर आए थे
नफरतों के मोती चुन कर, प्रेम का माला पिरोया है।
तुम क्या ही ले कर के आए थे, जो तुमने यहां पर खोया है।...
तुम क्या ही ले कर के आए थे, जो तुमने यहां पर खोया है।...