कुछ दिल से
कुछ गुज़री,
कुछ गुज़ार दी.!
कुछ निखरी,
कुछ निखार दी.!
कुछ बिगड़ी,
कुछ बिगाड़ दी.!
कुछ अपनी रही,
कुछ अपनों पर वार दी.!
कुछ इश्क में डूबी,
कुछ इश्क ने तार दी.!
कुछ दोस्त साथ रहे,
कुछ कसर दुश्मनों ने उतार दी.!
बस...
ज़िन्दगी जैसी मिली ,
ज़िन्दगी वैसी ही गुज़ार दी..!
© amy_s
कुछ गुज़ार दी.!
कुछ निखरी,
कुछ निखार दी.!
कुछ बिगड़ी,
कुछ बिगाड़ दी.!
कुछ अपनी रही,
कुछ अपनों पर वार दी.!
कुछ इश्क में डूबी,
कुछ इश्क ने तार दी.!
कुछ दोस्त साथ रहे,
कुछ कसर दुश्मनों ने उतार दी.!
बस...
ज़िन्दगी जैसी मिली ,
ज़िन्दगी वैसी ही गुज़ार दी..!
© amy_s