ख़ुद की पहचान
दिल के दर्द को छुपा मुस्कुराने का हुनर कहांँ से लाते हो
आँखों से क्यूँ बयां नहीं होने देते आंँसू में क्यूँ ना बह जाने देते हो
ज़िन्दगी की राह में हर तरफ़ अंधेरी है डगर
कैसे बीते सुकून से ज़िन्दगी का ये सफ़र
सब छोड़ देंगे साथ तेरा
मैं ना छोड़ूं हाथ तेरा
मैं हूंँ तेरा आत्मविश्वास
तुम ख़ुद को तो पहचान
आत्मविश्वास की रोशनी से
कर अपनी ज़िन्दगी का दूर अंधकार
बना ख़ुद की शख्सियत एक मिसाल...
आँखों से क्यूँ बयां नहीं होने देते आंँसू में क्यूँ ना बह जाने देते हो
ज़िन्दगी की राह में हर तरफ़ अंधेरी है डगर
कैसे बीते सुकून से ज़िन्दगी का ये सफ़र
सब छोड़ देंगे साथ तेरा
मैं ना छोड़ूं हाथ तेरा
मैं हूंँ तेरा आत्मविश्वास
तुम ख़ुद को तो पहचान
आत्मविश्वास की रोशनी से
कर अपनी ज़िन्दगी का दूर अंधकार
बना ख़ुद की शख्सियत एक मिसाल...