मेरे ख्याल
हुयी मोहब्बत जिसे,
कई मर्तबा,
वो टूटता रहा हर मर्तबा |
रहे अनजान इसके,
जाल से,
जो बुने...
कई मर्तबा,
वो टूटता रहा हर मर्तबा |
रहे अनजान इसके,
जाल से,
जो बुने...