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मिस यू चैत्रा बेबी!
मिस यू चैत्रा बेबी,
आपको क्या बेवफ़ा दुनिया दिलवा पाएंगी इंसाफ़ कभी!
आसिफा, प्रियंका रेड्डी,मनीषा कितने हैं नाम,
मैं इन मासूमों के नाम गिनवा सकता नहीं!

नन्ही गुड़िया थी वो,
खुशियों की पुरिया थी वो!
अब नहीं है वो हमारे बीच,
अब नील-गगन में कहीं खो गई वो!

लफ़्ज़ नहीं है मेरे लबों पे,
फ़िर भी मैं लिख रहा हूं मैं!
दिल में ग़म है मेरे,
फ़िर भी बरसात-ए-ग़म में भींग रहा हूं मैं!

बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ का नारा कहां गया?
पढ़ी लिखी पुलिस अफ़सर बिटिया राबिया सैफी पुलिस अफ़सर ख़ुद को क्यों बचा सकी नहीं?
क्या हो गया है इंडियन सोसायटी को,
क्या मासूम बेटियों की सिर्फ़ इतनी-सी है ज़िन्दगी?

खुले में दुष्कर्मी दरिंदें घूम रहे हैं,
पर,क्या आपको है पता?
पीड़ित मनीषा के केस...