मेरी याद आएगी क्या??
हार गयी मै क़िस्मत के खेल से ,तू भी आज़ाद है अब मेरी यादों की जेल से,
हाँ सच कहता है तू मै तेरी हो नहीं सकती,
तुझे ये कमी तड़पाएगी क्या?
बोल ना मेरी याद आएगी क्या?
जब टकरा जाएँ हम रास्ते में क़भी,
मै सोचूँगी ये लम्हा ये पल रुक जाए अभी,
तू याद करेगा क्या साथ जो पल बिताए,
वो सारी मस्ती ओर शाम की चाय,
तब मुझे देखकर तेरे चेहरे पे मुस्कान आएगी क्या?
बोल ना मेरी याद आएगी क्या?
बात...
हाँ सच कहता है तू मै तेरी हो नहीं सकती,
तुझे ये कमी तड़पाएगी क्या?
बोल ना मेरी याद आएगी क्या?
जब टकरा जाएँ हम रास्ते में क़भी,
मै सोचूँगी ये लम्हा ये पल रुक जाए अभी,
तू याद करेगा क्या साथ जो पल बिताए,
वो सारी मस्ती ओर शाम की चाय,
तब मुझे देखकर तेरे चेहरे पे मुस्कान आएगी क्या?
बोल ना मेरी याद आएगी क्या?
बात...