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"नया सवेरा-उम्मीद नयी"
#YearEndEchoes
फिसलती हुई रेत जैसे,ये साल भी गुज़र गया !
चंद लम्हे हो बिते जैसे,बातों में ही निकल गया।
बनी कुछ मीठी यादें तो, कुछ कड़वे बोल भी सुने हैं!
आनेवाले कल के लिए,कुछ सुनहरे सपने भी तो बुने हैं।
चलो भूलें सब बीती बातें, कल की बात पुरानी हैं!
नये साल मनाये फिर से, क्योंकि लिखनी नयी कहानी है।
नया उमंग हो जोश नया, अब कल फिर से ना आयेगा!
आनेवाला कल सबका, एक नया सवेरा लायेगा ।।


© Ranगीला🌺