वो कुर्सी
#खालीसीट
वो कुर्सी अभी भी गर्म है,
जहाँ तुम थोड़ी देर पहले बैठे थे।
तुम्हारी मौजूदगी की छाया,
अब भी उसकी नरम गोद में फैली है।
वो गर्माहट, जैसे कोई याद,
जो छोड़ गई हो तुम अचानक से।
सीट पर तुम्हारी हल्की सी छाप,
अब भी महसूस होती है जैसे सांसों...
वो कुर्सी अभी भी गर्म है,
जहाँ तुम थोड़ी देर पहले बैठे थे।
तुम्हारी मौजूदगी की छाया,
अब भी उसकी नरम गोद में फैली है।
वो गर्माहट, जैसे कोई याद,
जो छोड़ गई हो तुम अचानक से।
सीट पर तुम्हारी हल्की सी छाप,
अब भी महसूस होती है जैसे सांसों...