"जब जब बात तेरी आबरु की आई "
# मणिपुर की पीढ़ा"
जाने कितने ही किस्से गढ़ दिए गए
तेरे रूप, यौवन और श्रृंगार पर
घोंट कर तेरी इच्छाओं का गला
दफना दिया गया तुझे
संस्कारों के नाम पर
भूली बिसरी पड़ी रही जब
सदियों तक तू खुद को
क्यों ना आया तब
ख्याल तेरा
किसी सज्जन के मन को
खुल कर सांस लेने की
ज़रा सी जुर्रत क्या हुई तेरी
सांप ही सूंघ गया
समाज के ठेकेदारों के अहम को
जब तुम खुद ही उठना ,चलना
और संभलना सीखोगी
इतिहास तभी दोहरावोगी
आंचल को खोंस कमर में तुम
युद्ध तभी लड़ पाओगी
जींस पहनने को ही तुम ने
समझ लिया आजादी है
पर इसमें भी तुम्हारा दोष नहीं
ये सदियों की उमड़ती आंधी है
इतिहास उठा कर पढ़ लो तुम
वीरांगनाओं के गाथा गौरव को
मान बचाने की खातिर उनको भी
चुनना ही पड़ा जौहर को
कोई किसी की यहां ढाल नहीं
सिर्फ करोड़ों की आवादी है
क्योंकि ........
जब जब बात तेरी आबरु की आई
धर्माचार्यों ने भी चुप्पियां ही साधी हैं
इसलिए ......
उठो द्रोपदी तलवार उठाओ अब
अपनी रक्षा तुम को खुद ही करनी होगी
फिर से एकबार तुम्हे "फूलन" की तरह"
अपराधियों के सीने में गोलियां भरनी होंगी
अपमान के ये जो तीर
सीने में तुम्हारे पैठे हैं
क्योंकि दुशासन के दरबारों में
धृतराष्ट्र आज भी बैठे हैं !!😭😭
🙏🙏
© Rekha pal
जाने कितने ही किस्से गढ़ दिए गए
तेरे रूप, यौवन और श्रृंगार पर
घोंट कर तेरी इच्छाओं का गला
दफना दिया गया तुझे
संस्कारों के नाम पर
भूली बिसरी पड़ी रही जब
सदियों तक तू खुद को
क्यों ना आया तब
ख्याल तेरा
किसी सज्जन के मन को
खुल कर सांस लेने की
ज़रा सी जुर्रत क्या हुई तेरी
सांप ही सूंघ गया
समाज के ठेकेदारों के अहम को
जब तुम खुद ही उठना ,चलना
और संभलना सीखोगी
इतिहास तभी दोहरावोगी
आंचल को खोंस कमर में तुम
युद्ध तभी लड़ पाओगी
जींस पहनने को ही तुम ने
समझ लिया आजादी है
पर इसमें भी तुम्हारा दोष नहीं
ये सदियों की उमड़ती आंधी है
इतिहास उठा कर पढ़ लो तुम
वीरांगनाओं के गाथा गौरव को
मान बचाने की खातिर उनको भी
चुनना ही पड़ा जौहर को
कोई किसी की यहां ढाल नहीं
सिर्फ करोड़ों की आवादी है
क्योंकि ........
जब जब बात तेरी आबरु की आई
धर्माचार्यों ने भी चुप्पियां ही साधी हैं
इसलिए ......
उठो द्रोपदी तलवार उठाओ अब
अपनी रक्षा तुम को खुद ही करनी होगी
फिर से एकबार तुम्हे "फूलन" की तरह"
अपराधियों के सीने में गोलियां भरनी होंगी
अपमान के ये जो तीर
सीने में तुम्हारे पैठे हैं
क्योंकि दुशासन के दरबारों में
धृतराष्ट्र आज भी बैठे हैं !!😭😭
🙏🙏
© Rekha pal