बयार
प्रेम ऋतू ले आ गयी, मादक मृदुल बयार
प्रेम प्रकट परयास को, प्रेमी पुनः तैयार।
मात-पिता से झींटकर, मित्र से माँग उधार
इक-दूजे को दे रहे, निसदिन नव उपहार।
बदल-बदल कर भेँट दें, वार 'वार'...
प्रेम प्रकट परयास को, प्रेमी पुनः तैयार।
मात-पिता से झींटकर, मित्र से माँग उधार
इक-दूजे को दे रहे, निसदिन नव उपहार।
बदल-बदल कर भेँट दें, वार 'वार'...