रिश्ते
रिश्ते फूलों की तरह नाज़ुक होते है,
जरा तेज़ से खींचों तो टूट जाते है,
संभाल कर रखना होता है इसे,
नही तो हल्की सी आंधी में बिखर जाते है।
खुशबुओं से महकता...
जरा तेज़ से खींचों तो टूट जाते है,
संभाल कर रखना होता है इसे,
नही तो हल्की सी आंधी में बिखर जाते है।
खुशबुओं से महकता...