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शायर
उसके कई चाहने वाले हैं,
सो हम भी उससे महोब्बत करके देखते हैं,
क्या मुझ पर भी सांप के।जहर का असर होता है,
वो तो है तितलियों की तरह ,
एक फूल से दूसरे फूल जा बैठता है,
मै हु एक कागजी परिंदा ,
मुझे बारिस में भीग जाने का डर होता है।
माँ हर रोज सुबह बेरोजगार बेटे की जेब टटोलती है,
कहि उसकी जेब से जहर निकलने का डर होता है।
लड़को को खिलौना समझने वाली लड़की,
जब बनेगी बेटे की माँ लड़की,
तब उस लड़की को मालूम होगा,
लड़को को कितना सम्भालकर रखा जाता है,
लड़के तो फूल से भी कोमल होते हैं।
जीते जी हम कभी मिल नही पाए,
जब कभी तुम गंगा नदी में अपने पाव रखोगी,
मेरी अस्थियां तेरे कदमो को छूकर गुजर जाएगी,
तुम्हे भी मालूम पड़े इश्क में महबूब का चूमना क्या होता है।
इश्क में लोग क्या क्या नहीं कर बैठते है,
बड़े खुश नशीब होता ह खुद खुशी करने वालो का,
हमसे पूछिये शायरी करना क्या होता है।
© Verma Sahab
सो हम भी उससे महोब्बत करके देखते हैं,
क्या मुझ पर भी सांप के।जहर का असर होता है,
वो तो है तितलियों की तरह ,
एक फूल से दूसरे फूल जा बैठता है,
मै हु एक कागजी परिंदा ,
मुझे बारिस में भीग जाने का डर होता है।
माँ हर रोज सुबह बेरोजगार बेटे की जेब टटोलती है,
कहि उसकी जेब से जहर निकलने का डर होता है।
लड़को को खिलौना समझने वाली लड़की,
जब बनेगी बेटे की माँ लड़की,
तब उस लड़की को मालूम होगा,
लड़को को कितना सम्भालकर रखा जाता है,
लड़के तो फूल से भी कोमल होते हैं।
जीते जी हम कभी मिल नही पाए,
जब कभी तुम गंगा नदी में अपने पाव रखोगी,
मेरी अस्थियां तेरे कदमो को छूकर गुजर जाएगी,
तुम्हे भी मालूम पड़े इश्क में महबूब का चूमना क्या होता है।
इश्क में लोग क्या क्या नहीं कर बैठते है,
बड़े खुश नशीब होता ह खुद खुशी करने वालो का,
हमसे पूछिये शायरी करना क्या होता है।
© Verma Sahab
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