...

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‍कलियुग
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
टूट जाएगा खुद ही टकरा के।

ना होगा तू बागी़, निश्चय कर ले,
कहीं का ना रहेगा, पत्थर से सिर फोड़ के,
शायद, यह ही कलियुग है,
सही को सही न कह सकें, गलत तो गलत है रे।


© Aisha Rahman