...

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chuppi
कभी चुप रहना ना मुमकिन लगता था,
अब चुपी जिंदगी बन गई है।

दिल की बात कहने की केई रास्ते थे,
खामोशियों में भी एक अलग साथ था।
आज वो अलग साथ भी चुप हो गया है,
जिंदगी में कुछ खास था, वो याद आता है।

रात भर तारों से बातें करना,
सुबह की रोशनी में मुस्कुराना.
अब वो पल जिन-गिन कर बीत रहे हैं,
छुपी हुई जिंदगी में, कुछ बातें रह गई हैं।

आँखों में छुपी है कहानियाँ,
दिल की दास्तां है, मगर छुपी पुरानी है.
क्या कहना, कैसे बयां करें,
छुपी जिंदगी है, यादों का पैग़ाम यहीं है।

कभी चुप रहना ना मुमकिन लगता था,
अब चुपी जिंदगी बन गई है।
कुछ खोया, कुछ पाया, सफर ये कैसा है,
दर्द जिंदगी की हर मोड में बसा है।
© Deba Rath