...

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पास थे पर साथ नही
हां नही याद है मुझे हमारी पहली मुलाकात
होगी भी कैसे जब हमारी कभी बात ही नही हुई
सच कहे तो जैसे कभी हमारी मुलाकात ही नहीं हुई
ऐसे ही बीत गया बचपन हम पास तो थे पर कभी साथ नही थे
स्कूल पूरा हुआ कर कोई एक दूजे से जुदा हुआ
याद तो सभी की आती थी पर फिर भी कुछ चेहरे भूल जाती थी
ऐसे ही कॉलेज भी बीता पर फिर अचानक से एक बार फिर कुछ पुराने चेहरे को देखने को मिला
सब नही पर कुछ तो मिले जो भी मिले उनसे फोन पर ही सही बात तो हुई
पर तुम तुम कुछ अलग थे तुमसे बात करने से एक अलग ही सुकून मिलता था
याद है मुझे पहली बार तुमने बहाना बना कर मुझसे बात की थी
उसके बाद फिर कुछ दिन बातो की ही बरसात होती थी
पर मैं जानती थी ये बरसात भी एक दिन रुक जाएगी
और वही बचपन वाली कड़कती धूप फिर आ जाएगी
पर हम सब हमेशा ही एक अच्छे दोस्त रहेंगे
ये स्कूल वाली यारी ना कभी भूलने देगे

© Rohini Tiwari