...

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अंजाना ही सही
संग तेरे चल दिए थे सफर मे
अंजना ही सही
तू मेरा हमसफ़र था....

रास्तों में थी कठिनाई फिर भी
अंजना ही सही
तू मेरा साथी बना था....

मंजिले भी अलग थी हमारी
अंजाना ही सही
तेरा मेरा साथ कुछ वक्त का था...

तेरा मेरा ना कोई रिश्ता कभी
अंजाना ही सही
रिश्ता कुछ तो बन गया था....

वोह कांटे जो मुझे लगे थे तब
अंजाना ही सही
तुझे भी थोड़ा दर्द हुआ था....

आंखो से आंसू मेरे बहे थे तभी
अंजाना ही सही
तेरा चेहरा मुरजा तो था....

हो गए जब रास्ते अलग दोनों के
अंजाना ही सही
एक दूजे का दिल रोया तो था....

- बिंदीया



© Bindiya