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पापा की परी
पापा की पारी हूं मैं
पापा की जान हूं मैं
जब कहते है लोग
बेटी पराया धन है
पापा कहते है
मेरी बेटी पराया धन नहीं है
मेरी शान है,मान है,जान है
पापा को अपने प्यार को
लब्जों से कहना नहीं आता है
लेकिन उनकी आसूं सब कह देते हैं।
त्योहार मैं प्यार से मुझे सजाते हैं
पापा कहते है बेटी देवी का रूप होती है
कभी मुजपे हाथ नहीं उठाया पापा ने
क्यों की पापा केलिए मैं उनकी मां हूं
दुनिया में मुझसे ज्यादा
खुश नसीब कोई और नहीं है
क्यों की
पापा की पारी हूं मैं।
पापा की जान हूं मैं
जब कहते है लोग
बेटी पराया धन है
पापा कहते है
मेरी बेटी पराया धन नहीं है
मेरी शान है,मान है,जान है
पापा को अपने प्यार को
लब्जों से कहना नहीं आता है
लेकिन उनकी आसूं सब कह देते हैं।
त्योहार मैं प्यार से मुझे सजाते हैं
पापा कहते है बेटी देवी का रूप होती है
कभी मुजपे हाथ नहीं उठाया पापा ने
क्यों की पापा केलिए मैं उनकी मां हूं
दुनिया में मुझसे ज्यादा
खुश नसीब कोई और नहीं है
क्यों की
पापा की पारी हूं मैं।
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