...

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इंतज़ार

रात के अंधेरे में जब जुगनू भी सो जाते हैं,
आसमान के पर्दे पर चांद और तारे जगमगाते हैं,
दिल में हम आपकी ही तस्वीर सजाते हैं।

आंखे सवाल करती है,
यूं दूर से जगमगा कर आप थक नहीं जाते।
आपका दिल नहीं करता?
नीचे मिलने नहीं आते!
ख्वाबों में आकर औपचारिकता निभाते हैं,
मेरी दुनिया का हिस्सा होने से कतराते हैं।

कब तक आपको यूं दूर से देखूं
और दिल को समझाऊं।
लम्हें बीते जा रहे हैं,
दिल का हाल किसको सुनाऊं?
दोष मेरा है चांद की ख्वाहिश है मुझे,
उसके ज़मी पर आने के इंतजार में लौ क्यूं ना बुझे!

@poetinnme
© Anamika Annu