...

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ग़ज़ल

२१२२-१२१२-२२/११२

प्यार लेता हूँ प्यार देता हूँ
उम्र यूँ ही गुज़ार देता हूँ

सुब्ह ज़िंदा मैं करता हूँ ख़ुद को
शाम होते ही...