शिक्षा और राजनीति
नेता जी की बातों में,
गहरा ज्ञान छुपा होता
बोलें जो भी भाषण में,
सबका ध्यान खींचा होता।
वादों की बौछारें,
हर बार चुनाव में,
जनता तो फिर भी फंसी,
जाल इनके जाम में
स्कूलों की हालत पर,
कभी नहीं नजर डाली,
भ्रष्टाचार के खेल में,
दिल खोलकर बजाई ताली।
शिक्षा की बात करें,
पर काम नहीं दिखलाते,
मंचों पर बस चमकते,
सपनों के महल...
गहरा ज्ञान छुपा होता
बोलें जो भी भाषण में,
सबका ध्यान खींचा होता।
वादों की बौछारें,
हर बार चुनाव में,
जनता तो फिर भी फंसी,
जाल इनके जाम में
स्कूलों की हालत पर,
कभी नहीं नजर डाली,
भ्रष्टाचार के खेल में,
दिल खोलकर बजाई ताली।
शिक्षा की बात करें,
पर काम नहीं दिखलाते,
मंचों पर बस चमकते,
सपनों के महल...