...

4 views

शिक्षा और राजनीति
नेता जी की बातों में,
गहरा ज्ञान छुपा होता
बोलें जो भी भाषण में,
सबका ध्यान खींचा होता।

वादों की बौछारें,
हर बार चुनाव में,
जनता तो फिर भी फंसी,
जाल इनके जाम में

स्कूलों की हालत पर,
कभी नहीं नजर डाली,
भ्रष्टाचार के खेल में,
दिल खोलकर बजाई ताली।

शिक्षा की बात करें,
पर काम नहीं दिखलाते,
मंचों पर बस चमकते,
सपनों के महल सजाते।

गरीब की झोपड़ी में,
शिक्षा की ज्योत नहीं जले,
नेता जी के बंगलों में,
ऐश-ओ-आराम के मेले चले।

मासूम बच्चों के सपने,
बनते मिट्टी के खिलौने,
नेता जी की दुनिया में,
सब कुछ है बस सोने।

भ्रष्टाचार का रोगी,
हर गली हर मोहल्ले में,
शिक्षा का उजाला चाहिए,
हर गरीब के दिल में

नेता जी, ये याद रखें,
जनता की भी आस है,
शिक्षा का उजियारा,
हर दिल की प्यास है।

जब तक कोई आवाज
तेज, शोर नही मचायेगी
भैया यह गाड़ी यूँही चलती जाएगी
शिक्षा है , अच्छा हथियार
जो करेगी हर घर मे योध्दा तैयार।
© ashokudeniya