...

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मेरी लव स्टोरी
कभी वो फूल हुआ करती थी
हम उनके पीछे भौंरे ।
उनकी एक मुस्कान पे
लड़के मरते थे सारे।।

प्यार करते थे दिल से उनको
इसलिए ले गया गुलदस्ता ।
आँव देखा न ताँव देखा रोड पे
दे मारा मुँह पे अपना बस्ता ।।

बस उसी दिन से हमें कविता का शौक है
दिल के दर्द कलम से निकलते हैं
और क्या कहे हुजूर,
बगल में खड़ा होना तो दूर ,हम मुँह फेर के चलते है।

शादी थी उनकी, मंडप सजा था
दूल्हा बीच में भाग खड़ा हुआ था।
गलती का एहसास जब उन्हें आया
मेरे सामने आकर ,मेरे गले में जयमाला डालकर शरमाया।।

अब लड़की थी यार गलती माफ़ कर दिया
उनका हाथ पकड़ संग घर चल दिया।
और अब जब मैं ये कविता लिख रहा हूँ
तो वो मेरी पीठ ठपठपा मुस्करा रहीं हैं ।।
© rishika