...

4 views

बिरहा
दिल जोग लग जावैं री,
सुन रोग लग जावैं री,
बिरहा में मर जाता
दिल सोग लग जावैं री।

टप टप जे बूँदा बरसी तो
अखियाँ बैरन फिर तरसी क्यूँ,
रग रग जल जाती है
और तरस ना जावैं री।

साजन मोरा निर्मोही रे
क्यूँ की मनवा की चोरी रे,
उमड़ै हैं बदरा सा
पर बरस ना जावैं री।

दिल जोग लग जावैं री-------

©jignaa___