...

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अरमान लिखना है ”
बड़े दिनों बाद फिर कलम उठाई,आज बड़े दिनों बाद फिर अल्फ़ाज़ लिखना है ,
जहन में दफ़्न उठते,दबते,गुज़रे,लम्हों का सार लिखना है ,
किसी को दुश्मन ,फिर किसी को सच्चा यार लिखना है ,
हर बार की तरह कुछ ही लब्ज़ो में सारा जहांन लिखना है ,
एक था जो क़रीब मेरा ,हमेशा की तरह पहले उसका नाम लिखना है ,
इश्क,ईर्षा,दवेश, लोगो से मिला प्यार लिखना है ,
जो कर नह पाया ,यह चाहता हूँ ,गुज़रा वह साल लिखना है ,
शहर,गाँव ,पतझड़,पवन ,इन लम्हों को बाग़बान लिखना है ,
एक एक धड़कन दिल की ,जूड़ा सारा परिवार लिखना है ,
आज फिर वही दिन वही रात वही अहसास लिखना है ,
बड़े दिनों बाद दिल का अरमान लिखना है !!
© तरुण”