दिखावा ..
वो मेरा दोस्त नहीं मेरी जान था,उससे बात करके मुझे जितनी ख़ुशी मिलती थी,शायद उतनी ख़ुशी मुझे किसी और चीज़ से कभी नहीं मिलती
वो मेरा एकलौता दोस्त था जिसे कुछ भी कहने से पहले मुझे कुछ सोचना समझना नहीं पडता था और जब मैं एक बार बोलना शुरू करती थी तो चुप ही नहीं होती...
वो मेरा एकलौता दोस्त था जिसे कुछ भी कहने से पहले मुझे कुछ सोचना समझना नहीं पडता था और जब मैं एक बार बोलना शुरू करती थी तो चुप ही नहीं होती...