पितृ स्मृति
3 वर्ष बीत गए, पापा,
आपको इस जग से प्रस्थान किए।
अब दैहिक, अस्तित्व भले ही ना हो आपका,
पर, आत्मिक संबंध तो आज भी है।
आज भी हम आपका ही, अंश कहलाते हैं।
आज भी, हमारी पहचान,
आपकी ही मोहताज है।
आज भी, मेरा अस्तित्व,
आपसे ही तो जुड़ा है।
जहाँ भी जाती हूँ,
आपकी ही बेटी कहलाती...
आपको इस जग से प्रस्थान किए।
अब दैहिक, अस्तित्व भले ही ना हो आपका,
पर, आत्मिक संबंध तो आज भी है।
आज भी हम आपका ही, अंश कहलाते हैं।
आज भी, हमारी पहचान,
आपकी ही मोहताज है।
आज भी, मेरा अस्तित्व,
आपसे ही तो जुड़ा है।
जहाँ भी जाती हूँ,
आपकी ही बेटी कहलाती...