...

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कैसी रूत ये आयी है मस्तानी_
कैसी रूत ये आयी है मस्तानी ,
तेरा मेरा प्यार भी है रूहानी ,
आ खो जाये हम एक दुजे मे मदहोशी ,
जिस्मो से रूह तक का ये डगर है अनजानी ,
साथ निभाये हम एक दुजे का बनकर परछाई ,
मंजिल रहे मेहफुज सदा हमारी ,
कभी अधुरी न रह जाये हमारी कहानी ,
खोये-खोये निगाहो मे तुम्हारी ,
हम काट लेंगे पुरी जिन्दगानी ,
देखो,कैसी रूत ये आयी है मस्तानी ,
तेरा मेरा प्यार भी है रूहानी ,
आ खो जाये हम एक दुजे मे मदहोशी ,
जिस्मो से रूह तक का ये डगर है अनजानी__
अ.अमर..

© A.Amar