मैं तसव्वुर की आहों में हूं,
मैं तसव्वुर की आहों में हूं,
यां दिलबर की बाहों में हूं..
क्या तेरे आगोश में आ पहुंचा,
यां अभी आलिंगन की चाहों में हूं..
मैं तो फ़िराक़ में डूबा हुआ,
राएगाँ की बनाहों में हूं..
यह हसीन खयाल जो महसूस हुआ,
इसकी ताबीर की राहों में हूं..
वाकई, कमाल ही होगा तू,
जो आज फिर, मैं इश्क की फिज़ाओं में हूं..
पलकों से कुछ तो कहा होगा तूने,
जो इनकी ठंडी-नर्म छाउं में हूं..
होश में होते, हम कशमकश में हैं,
मैं यह कौन सी मीठी हवाओं में हूं..
बात तो हो, तेरे दिल-ए-जमाल से,
क्या सच में, मैं तेरी पनाहों में हूं...
© Harf Shaad
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यां दिलबर की बाहों में हूं..
क्या तेरे आगोश में आ पहुंचा,
यां अभी आलिंगन की चाहों में हूं..
मैं तो फ़िराक़ में डूबा हुआ,
राएगाँ की बनाहों में हूं..
यह हसीन खयाल जो महसूस हुआ,
इसकी ताबीर की राहों में हूं..
वाकई, कमाल ही होगा तू,
जो आज फिर, मैं इश्क की फिज़ाओं में हूं..
पलकों से कुछ तो कहा होगा तूने,
जो इनकी ठंडी-नर्म छाउं में हूं..
होश में होते, हम कशमकश में हैं,
मैं यह कौन सी मीठी हवाओं में हूं..
बात तो हो, तेरे दिल-ए-जमाल से,
क्या सच में, मैं तेरी पनाहों में हूं...
© Harf Shaad
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