मैं और ग़ुरूर?😊
लोग कहते हैं मैं अक्खड़ मिज़ाज हूँ।
बदमिज़ाज हूँ , मेरा लहजा ख़राब है।
मग़रूर हूँ मैं , ग़ुरूर करूँ भी तो किस बात का इस हाड़-माँस का।
जिसका रेज़ा-रेज़ा माँ-बाप के ख़ून-पानी से बना और रूह अल्लाह ने दी।
जिस्म है जागीर-ए-मिट्टी और रूह अल्लाह की अमानत नहीं करनी आयी इन दोनों के साथ ख़यानत।
रूह को अल्लाह के पास...
बदमिज़ाज हूँ , मेरा लहजा ख़राब है।
मग़रूर हूँ मैं , ग़ुरूर करूँ भी तो किस बात का इस हाड़-माँस का।
जिसका रेज़ा-रेज़ा माँ-बाप के ख़ून-पानी से बना और रूह अल्लाह ने दी।
जिस्म है जागीर-ए-मिट्टी और रूह अल्लाह की अमानत नहीं करनी आयी इन दोनों के साथ ख़यानत।
रूह को अल्लाह के पास...