...

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तू हार नहीं सकती
नारी तू हार नहीं सकती
अपने पैरों की बेड़ियों की गुलाम हो नहीं सकती
तू अपना दुर्गा रूप भूल नहीं सकती
तुझसे हैं सृस्टि सारी
तू सरस्वती बन ज्ञान का दीपक जलाती
तू माँ बन जीवन दान देती
तू लक्ष्मी बन धन बरसाती
तू काली बन राक्षशों का अन्त करती
हर घर में तू पूजी जाती
फिर क्यों तू अपनी रक्षक बनने में डरती
तुझमे वो शक्ति हैं की तू
कलयुग की दुर्गा बन एक नया संसार बना दे
नारी तू हार नहीं सकती
अपने पैरों की बेड़ियों की गुलाम हो नहीं सकती



© K