...

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अधूरी बात
तेरी किवाड़े भी तरस गई खटकने को
जबसे मैने अपना रास्ता बदल लिया

वो घमंड भी तेरा बेचैन हो उठा
जब तुझे पहले मैने खुद को चुना

उस मोहल्ले हमने दोस्त भुला दिए
जिस मोहल्ले से तेरे घर की सड़क गुजरी

शिकायत तुमसे नहीं खुद से है
चेहरे पढ़ने में इस बार गलती कैसे हुई

कुछ दोष तेरे भोलेपन को भी दूं
सारा इल्ज़ाम अपनी नादानी पर क्यूं लूं

दरवाज़े तेरे कहते है
मेरे इंतजार की कहानी

बात अधूरी है
पूरी होगी कभी..


© टूटा हुआ ख़्वाब