उड़ना चाहू
मै भी उड़ना चाहती हूँ उस पंछी की तरह जो रुकना भी नहीं चाहता टिकना भी नहीं चाहता
उन्मुक्त गगन सा उड़ना चाहू फैला कर अपने पाखो को नीले...
उन्मुक्त गगन सा उड़ना चाहू फैला कर अपने पाखो को नीले...