यूँ तो मुझे भी….
यूँ तो मुझे भी…
यूँ तो
मुझे भी…उस रात
लिखना बहुत था
तुम्हारी यादों में भीगते हुए
मगर
ना जाने क्यूँ
ये कलम
थम सी जाती है…आज भी
उसी रात की यादों में भीगते हुए
जब तुमने
थाम लिया था
मेरे लिखते हुए हाथों को
अपने लबों के ...
यूँ तो
मुझे भी…उस रात
लिखना बहुत था
तुम्हारी यादों में भीगते हुए
मगर
ना जाने क्यूँ
ये कलम
थम सी जाती है…आज भी
उसी रात की यादों में भीगते हुए
जब तुमने
थाम लिया था
मेरे लिखते हुए हाथों को
अपने लबों के ...