भूल नहीं पाई,,,
भूल नहीं पाई ज़िन्दगी सितम तुम्हारे,,
दर्द ही लिखते हैं सारे कलम हमारे,,
ना खोलो हकीकते मेरे अपनों की,,
ख्याल करो, ना तोड़ो मेरे भरम सारे,,
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दर्द ही लिखते हैं सारे कलम हमारे,,
ना खोलो हकीकते मेरे अपनों की,,
ख्याल करो, ना तोड़ो मेरे भरम सारे,,
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