एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में लड़की क्या है।।
लड़की ही कर्म है
जो मिलती सबको है
मगर निभा कोई नहीं पता है ,
लड़की कौन बनकर मिलती है,
मां बनकर मिलती है,
बहन बनकर मिलती है,
दोस्त बनकर मिलती है,
दुश्मन बनकर मिलती है,
राहगीर बनकर मिलती है,
दूध में मिलती मां बनकर,
हाथ में मिलती बहन बहन बनकर,
जीवन में प्रवेश करती है दोस्त बनकर,
रंग बदलती रूप देकर,
हाथ थामती प्रेम बनकर,
विनाष करती है अपने रूप की मया से,
मोह लेती अपने शब्दों से,
मगर फिर भी यह प्रशनवाचक खड़ा होकर सवाल लेकर चिल्लाता हुआ बोलता है-
और है और फिर लेखक से...
जो मिलती सबको है
मगर निभा कोई नहीं पता है ,
लड़की कौन बनकर मिलती है,
मां बनकर मिलती है,
बहन बनकर मिलती है,
दोस्त बनकर मिलती है,
दुश्मन बनकर मिलती है,
राहगीर बनकर मिलती है,
दूध में मिलती मां बनकर,
हाथ में मिलती बहन बहन बनकर,
जीवन में प्रवेश करती है दोस्त बनकर,
रंग बदलती रूप देकर,
हाथ थामती प्रेम बनकर,
विनाष करती है अपने रूप की मया से,
मोह लेती अपने शब्दों से,
मगर फिर भी यह प्रशनवाचक खड़ा होकर सवाल लेकर चिल्लाता हुआ बोलता है-
और है और फिर लेखक से...