महानगर का जीवन
#शहरजीवनकाव्य
धुआं-धूल की चादर ताने,
अट्टालिकाओं की बगिया में,
चलता है एक जीवन,
हर दिशा में, हर राह में।
सड़कें व्यस्त, भीड़ का शोर,
सबकी अपनी-अपनी दौड़,
खिलौनों की दुकानें सजी,
पर कहीं खो गई है शांति की डोर।
नीले आकाश की जगह,
ऊंची इमारतों ने ली, ...
धुआं-धूल की चादर ताने,
अट्टालिकाओं की बगिया में,
चलता है एक जीवन,
हर दिशा में, हर राह में।
सड़कें व्यस्त, भीड़ का शोर,
सबकी अपनी-अपनी दौड़,
खिलौनों की दुकानें सजी,
पर कहीं खो गई है शांति की डोर।
नीले आकाश की जगह,
ऊंची इमारतों ने ली, ...