School Ke Din by MoonsFeeling
स्कूल का वो पहला दिन हमें क्या पता था कि
हम जिस रास्ते से गुजर रहे हैं
उस रास्ते से हमें अगले 12 साल और गुजरना होगा,
टेढ़े मेढ़े वो रस्ते थे
रंग-बिरंगे वो बस्ते थे
और पैरों में जूते भी सस्ते थे
मां तैयार करके भेजती थी
हम बिगड़ कर आते थे
कभी हाथ पर पेन की स्याही
कभी मुंह पर दोस्तों की लिखाई
हाँ कुछ ऐसे थे अपने स्कूल के दिन
मस्ती अधूरी थी, लंच बॉक्स अधूरा था, उन दोस्तों के बिन
कितनी मस्ती करा करते थे, एक दूसरे के साथ लड़ा करते थे
खाना चुराकर के खाने की आदत थी
फिर भी कोई भूखा नहीं रहता था
ऐ सब उन दोस्तों की इबादत थी
फिर सारे दोस्त Primary school पास करके
High school में आते गए,
क्या बताऊं क्या situation थी
धीरे-धीरे सभी अलग-अलग ABC Section में जाते गए
अब पहले वाले कुछ दोस्त गए और कुछ नहीं बने,
तो कुछ जिगरी और कमीने दोस्त बने
हाँ कुछ ऐसे थे...
हम जिस रास्ते से गुजर रहे हैं
उस रास्ते से हमें अगले 12 साल और गुजरना होगा,
टेढ़े मेढ़े वो रस्ते थे
रंग-बिरंगे वो बस्ते थे
और पैरों में जूते भी सस्ते थे
मां तैयार करके भेजती थी
हम बिगड़ कर आते थे
कभी हाथ पर पेन की स्याही
कभी मुंह पर दोस्तों की लिखाई
हाँ कुछ ऐसे थे अपने स्कूल के दिन
मस्ती अधूरी थी, लंच बॉक्स अधूरा था, उन दोस्तों के बिन
कितनी मस्ती करा करते थे, एक दूसरे के साथ लड़ा करते थे
खाना चुराकर के खाने की आदत थी
फिर भी कोई भूखा नहीं रहता था
ऐ सब उन दोस्तों की इबादत थी
फिर सारे दोस्त Primary school पास करके
High school में आते गए,
क्या बताऊं क्या situation थी
धीरे-धीरे सभी अलग-अलग ABC Section में जाते गए
अब पहले वाले कुछ दोस्त गए और कुछ नहीं बने,
तो कुछ जिगरी और कमीने दोस्त बने
हाँ कुछ ऐसे थे...