...

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अनकहे लफ्ज़🖤
क़भी-क़भी मन करता है तेरे कंधों पर सिर रखकर अपने मन के सारे बोझ उतार कर एक चिर निद्रा में प्रवेश कर जाऊँ , थक सा गया हूँ इस थकी-हारी जिंदगी से अब आराम चाहता हूँ कुछ पल के लिए । बिना कोई सवाल किए तुम्हारी गोद में सिर रखकर कुछ पल चैन से सोना चाहता हूँ । जब सुबह आँखे खुले तो तुम नई सुबह की किरणों की तरह तुम सामने दिखाई दो औऱ मैं अपने बाजुओं को फैलाकर हमेशा के लिए समेट लूँ खुद में तुमको । तुम्हारी हथेलियों को थामे इस धरती की सबसे खूबसूरत जगहों पर जाऊँ , किसी घाट किनारे घण्टों तुम संग चुपचाप सा बैठा रहूँ , इस धरा से उस धरा तक बस तुम्हारा साथ चाहता हूँ । सच में थक गया हूँ , बस तुम्हारे प्रेम की ठंडी छाँव में आराम चाहता हूँ..!!


#शुभ_रात्रि🙏💐
© Rising_लेखक