दुआ...
हैरान हूँ ये सोचकर तुम हो कोई दुआ..
वो कौन सा खुदा है जिसने तुम्हें गढ़ा..
देखा है मैंने बेहिसाब नूऱ हुस्न का..
लगता नही कि कोई भी तुमसा कभी मिला..
पलकें...
वो कौन सा खुदा है जिसने तुम्हें गढ़ा..
देखा है मैंने बेहिसाब नूऱ हुस्न का..
लगता नही कि कोई भी तुमसा कभी मिला..
पलकें...