शहरीदृश्यकाव्य
#शहरीदृश्यकाव्य
रोज आसमां फटता है...सपनों का
पर रोज सुबह होगी...फिर से आशिया बनाने की ,
रातो में उम्मीद... आंखों मे सपने के लिए...सोयी
फिर से कल एक नया आशमा बनेगा..
जिसमे...
रोज आसमां फटता है...सपनों का
पर रोज सुबह होगी...फिर से आशिया बनाने की ,
रातो में उम्मीद... आंखों मे सपने के लिए...सोयी
फिर से कल एक नया आशमा बनेगा..
जिसमे...