...

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प्रेम
प्रेम के अम्बार से
से सारा जहाँ है सराबोर
बस नफरत की आंधी
बह रही है चारो तरफ
मोहब्बत के इस भरे बाजार में
प्रेम की लौ बस जलती रहे
यही दुआ करती हूँ मेरे यार
सुकून