...

13 views

सपनो से समझौता
ये छोटी छोटी आंखे मेरी बुनती है ख्वाब
दुनिया को देखने का समझने का
ये छोटी हाथों में पकड़ना चाहता हु किताब
अपने पढ़ाई के लिए
रात के नींद में कई सपने है मेरे मैं भी जाऊ
स्कूल खाऊं आइसक्रीम
ये छोटे छोटे पाव मेरे थकने के बाद
चाहते थोड़ा आराम
लेकिन मजबूर हु मै अपने हालत पर
मैं बहुत समझाया खुद को
मेरी छोटी आंखे में आंसू के सिवा कुछ नही
मैं अपनी छोटी हाथी से काम के आलावा कुछ
नही कर सकता
सपने नींद में ही पूरे होते सुबह कभी नया नही हो सकता
मेरा पैरो को कभी आराम नही क्योंकि मेरा मदद कोई नही कर सकता.......................
© kahani