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रिश्ता
घर सबके अलग अलग पर एक
दूसरे के पास रहते हैं
दुःख किसी एक को हो
आँसू दूसरे की आँख से बहते हैं
एक फ़ोन कॉल पर ही दौड़े चले आते हैं
बेरंगी जिन्दगी मे भी रंगों की
बरसात लगाते हैं
इसमें कुछ दोस्त और ब्लड रिलेशन आते
हैं
जिन्हें दूर होने पर भी हम अपने पास पाते
हैं
आंखों को ही पढ़ के
दुःख सुख का अहसास वो लगा लेते
है ना जाने कैसे हमारे दिल
मे बस जाते हैं
कि दूर होने पर भी हम उन्हें पास पाते
हैं ना जाने कैसे एक दूसरे की
धड़कन बन जाते हैं
दूसरे के पास रहते हैं
दुःख किसी एक को हो
आँसू दूसरे की आँख से बहते हैं
एक फ़ोन कॉल पर ही दौड़े चले आते हैं
बेरंगी जिन्दगी मे भी रंगों की
बरसात लगाते हैं
इसमें कुछ दोस्त और ब्लड रिलेशन आते
हैं
जिन्हें दूर होने पर भी हम अपने पास पाते
हैं
आंखों को ही पढ़ के
दुःख सुख का अहसास वो लगा लेते
है ना जाने कैसे हमारे दिल
मे बस जाते हैं
कि दूर होने पर भी हम उन्हें पास पाते
हैं ना जाने कैसे एक दूसरे की
धड़कन बन जाते हैं
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