चाहत...... (तुम्हे पाने की)
तुम्हे पाने की चाहत में,
बटकते रहे सदियों से,
पर जब तुम्हें पाने का सोचा,
कम्बख्त वक़्त हो गया बेवफ़ा,
यूँ तो हम वाक़िफ़ नहीं,
इन सारी बातों से,
पर तुमसे मिलना शायद इत्तेफाक था,
कोशिश तो...
बटकते रहे सदियों से,
पर जब तुम्हें पाने का सोचा,
कम्बख्त वक़्त हो गया बेवफ़ा,
यूँ तो हम वाक़िफ़ नहीं,
इन सारी बातों से,
पर तुमसे मिलना शायद इत्तेफाक था,
कोशिश तो...