ज्यादा सरकार का
अजब चलन हुआ अखबार का।
मेरा कम तो ज्यादा सरकार का।।
दिखावा ही तो यहां बिकता है।
नहीं कसूर कोई पत्रकार का।।
मैं...
मेरा कम तो ज्यादा सरकार का।।
दिखावा ही तो यहां बिकता है।
नहीं कसूर कोई पत्रकार का।।
मैं...